खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 का आयोजन आगामी 4 जून से लेकर 13 जून 2022 तक हरियाणा में किया जाएगा। इनमें अंडर-18 आयु वर्ग के 25 खेलों में भारतीय मूल के 5 खेल भी शामिल कए गए हैं, जिनमें गतका, थांग-ता, योगासन, कलारीपायट्टू और मलखंभ शामिल हैं। इनमें गतका, कलारीपयट्टू और थांग-ता पारंपरिक मार्शल आर्ट्स हैं, जबकि मलखंभ और योग फिटनेस से जुड़े हुए खेल हैं।
ये खेल पंचकूला के अलावा शाहाबाद, अंबाला, चंडीगढ़ और दिल्ली में होंगे। इन खेलों में लगभग 8,500 खिलाड़ी भाग लेंगे।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी और इसका श्रेय तत्कालीन खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर को जाता है।
देश के अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच, कू ऐप पर इसकी जानकारी देते हुए मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स (@YASMinistry) ने एक के बाद एक कई पोस्ट्स किए हैं।
मिनिस्ट्री ने कू पर पोस्ट किया, “योगासन खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में शामिल 5 स्वदेशी खेलों में से एक है। यह व्यायाम की एक प्रणाली है, जिसमें सांस पर नियंत्रण और खिंचाव शामिल है, जो हमारे दिमाग और शरीर को आराम देने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत सभ्यता के जन्म के साथ हुई थी!”
वहीं, दूसरी कू पोस्ट करते हुए मिनिस्ट्री ने कहा, “क्या आप जानते हैं गतका खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में शामिल 5 स्वदेशी खेलों में शामिल दूसरा खेल है? यह कलाबाजी और तलवारबाजी का मिश्रण है और 17वीं शताब्दी के अंत में मुगल साम्राज्य से लड़ते हुए सिख योद्धाओं के लिए आत्मरक्षा के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।”
थांग-ता के बारे में जानकारी देते हुए मिनिस्ट्री ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि थांग-ता खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में शामिल 5 स्वदेशी खेलों में से तीसरा खेल है? इसमें श्वास की लय के साथ मिश्रित गतियाँ शामिल हैं। इसे मणिपुर के युद्ध के माहौल के बीच विकसित किया गया था और इसकी भू-राजनीतिक सेटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कू ऐप के माध्यम से खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल होने वाले पाँच पारम्परिक खेलों के बारे में जानकारी दी है।
उन्होंने कू पर पोस्ट किया, “हरियाणा में होने वाले चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 5 ट्रेडिशनल गेम्स को शामिल किया जाएगा। गतका, थांग-ता, योगासन, कलारीपायट्टु और मलखंभ। 8500 खिलाड़ी इस यूथ गेम्स में आने वाले है।”
आइए डालते हैं खेलों पर एक नज़र
गतका
पंजाब सरकार ने गतका खेल को मार्शल आर्ट्स के तौर पर मान्यता दी है, जिसे पहली बार यूथ खेलो इंडिया गेम्स में शामिल किया गया है। गतका निहंग सिख योद्धाओं की पारंपरिक युद्ध शैली है। खिलाड़ी इसका उपयोग आत्मरक्षा के साथ खेल के रूप में भी करते हैं। सिखों के धार्मिक उत्सवों में इस कला का शस्त्र संचालन प्रदर्शन किया जाता है।
थांग-ता
थांग-ता एक मणिपुरी प्राचीन युद्धकला है। इसमें कई तरह की युद्ध शैलियाँ शामिल हैं। थांग शब्द का अर्थ तलवार और ता शब्द का भाला होता है। इस प्रकार थांग-ता खेल तलवार, ढाल और भाले के साथ खेला जाता है। यह कला आत्मरक्षा तथा युद्ध कला के साथ पारंपरिक लोकनृत्य के रूप में भी जानी जाती है।
योगासन
योग भारतीय संस्कृति की पुरातन विरासत है और योग मनुष्य के शरीर और दिमाग को लाभ पहुँचाता है। आजकल सभी खेलों के खिलाड़ी अपने प्रैक्टिस शेड्यूल में योग को जरूर शामिल करते हैं। योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में विकसित करने के प्रयास के तहत इसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 में शामिल किया गया है।
कलारीपायट्टू
कलारीपायट्टू केरल का पारंपरिक मार्शल आर्ट है। इस खेल को कलारी के रूप में भी जाना जाता है। इसमें पैर से हमला, मल्लयुद्ध और पूर्व निर्धारित तरीके शामिल हैं। कलारीपयट्टू को दुनिया की सबसे पुरानी युद्ध पद्धतियों में से एक है। यह केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत पूर्वोतर देश श्रीलंका और मलेशिया के मलयाली समुदाय के बीच भी काफी लोकप्रिय है।
मलखंभ
मलखंभ भारत का प्राचीनतम पारंपरिक खेल है। यह दो शब्दों के मेल से बना हुआ है, जिसमें मल्ल शब्द का अर्थ योद्धा और खंभ शब्द का खंभा होता है। इसमें खिलाड़ी लकड़ी के एक खंभे से सहारे फिटनेस से जुड़े अलग-अलग योग तथा करतब दिखाकर अपनी शरीरिक लचक का प्रदर्शन करता हैं। मलखंभ में बहुत कम समय में शरीर के सभी हिस्सों की करसत की जा सकती है। इस खेल को सबसे पहले मध्य प्रदेश राज्य ने वर्ष 2013 में राज्य खेल घोषित किया था।